लेखक संजू , फानडर, लक्ष्य-युवाओं को नयी दिशा।
दिल्ली सरकार के सरकारी विद्यालयों तथा विभागों मे लगभग 4500 सुरक्षा-कर्मी निजी तौर पर नियुक्त किये गये है। सरकार व विभाग की सहमति से दिल्ली के 1012 विद्यालयों तथा विभागों मे सुरक्षा-कर्मियों को नियुक्त करने का कार्य / ठेका 14 एजेंसियों को दिया गया। इस प्रकार यह ठेका 14 एजेंसियों को निम्न नियम-शर्तों के आधार पर आवंटित किया गया जिसमे Tender की समय सीमा तथा सुरक्षा-कर्मियों के कर्तव्य व अधिकार भी सुनिश्चित किये गये जो की श्रम कानून को ध्यान मे रखते हुये संविदा बनाई गयी । यह संविदा विभाग द्वारा 2 वर्षों (2011-2013) के लिए आवंटित किया गया तथा संविदा के अनुसार यदि ठेकेदार द्वारा काम सही किया जाता है तो विभाग द्वारा संविदा की समय सीमा दो वर्षों के लिए बढ़ाई जा सकती है जो की विभाग द्वारा दो वर्षो (2013-15) के लिए फिर से Extend कर दिया गयाकिन्तु इसके बाद विभाग के अधिकारियों की ज़िम्मेदारी थी की वे नयी संविदा (Tender) निकालेंगे और उसे विभागीय प्रक्रिया द्वारा आवेदन देने वालों को आवंटित करेंगे जो आवेदनकर्ता विभाग के नियमों की औपचरिकताये पूरी करेगा किन्तु विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर इसी संविदा को दो वर्षों (2015-17) के लिए फिर से बढ़ा दिया गया जिसमे विभाग द्वारा बनाई गयी संविदा के नियमों का उल्लंघन किया गया और विभाग द्वारा लगभग 100 करोड़ रू का अवैध तरीके से ठेकेदारों को आवंटन किया गया इसके अलावा लक्ष्य संस्था द्वारा विभाग मे ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा-कर्मियों के आर्थिक,मानसिक व शारीरक शोषण करने के संबंध मे कई बार शिकायत दर्ज कारवाई गई किन्तु विभाग के किसी भी अधिकारी ने ठेकेदारों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा-कर्मियों के शोषण करने के संबंध मे शिकायत शिक्षा विभाग के अलावा कई संबन्धित विभाग मे भी लिखित मे शिकायत दर्ज की गयी इसके अतिरिक्त शिक्षा मंत्री,श्रम मंत्री को भी लिखित मे दर्ज कराई गयी किन्तु ठेकेदारों के विरुद्ध किसी विभाग व मंत्रालय ने कोई कार्यवाही नहीं की। लक्ष्य संस्था द्वारा सूचना का अधिकार कानून द्वारा सूचना प्राप्त की गयी जिसमे पता चला कि सुरक्षा-कर्मियों को रु-10,257 /- मासिक वेतन सुनिश्चित किया गया है किन्तु लक्ष्यसंस्था द्वारा अलग-अलग समय पर तीन बार सुरक्षा- कर्मियों को मिलने वाले वेतन व अन्य सुविधाओं को लेकर Survey किया गया जिससे यह जानकारी प्राप्त हुयी कि-
1. ठेकेदारों द्वारा इन्हे 3500 से 4500 मासिक वेतन दिया जाता है जबकि इनसे हस्ताक्षर 10,257 के Voucher पर करवाये जाते है। (प्रत्येक सुरक्षा-कर्मी के वेतन से ठेकेदार द्वारा औसतन 4000 रू काटे गये। वर्तमान मे लगभग 4500 सुरक्षा-कर्मी स्कूलों और विभागों मे नियुक्त है जिससे ज्ञात होता है कि वर्ष 2011 से 17 तक ठेकेदारों और विभाग द्वारा 100 करोड़ से भी अधिक का घौटाला किया गया जो कि शिक्षा विभाग का अभी तक का सबसे बड़ा घौटाला है।)
2. संविदा के अनुसार ठेकेदार प्रत्येक सुरक्षा-कर्मी को वेतन ECSया CHEQUE द्वारा ही दिया जायेगा जबकि सुरक्षा-कर्मियों को वेतन नकद दिया जाता है।
3. इन्हें P.F. की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। कुछ सुरक्षा-कर्मियों से जानकारी मिली कि उन्हे ठेकेदारों द्वारा जो P.F. नंबर दिया गया है वो website पर उपलब्ध नहीं है।
4. अधिकतर सुरक्षा-कर्मियों को E.S.I कार्ड की सुविधा भी नहीं दी गयी है।
5. अधिकतर सुरक्षा-कर्मियों को सिविल-डिफ़ेन्स और फायर फाइटिंग सर्विसिस का प्रशिक्षण नहीं दिया गया जो कि संविदा के अनुसार अनिवार्य है।
6. इन्हें विद्यालय व अपनी सुरक्षा के लिए ठेकेदार द्वारा टार्च, लाठी,बल्लम आदि भी नहीं दी गयी है। जो कि संविदा के अनुसार अनिवार्य है।
7. इन्हें माह मे एक भी छुट्टी नहीं दी जाती है जबकि संविदा के अनुसार माह मे 26 दिन कार्य करेंगे।
लक्ष्य संस्था के पास सत्यापित साक्ष्यों की सूची-
1. सूचना के अधिकार कानून द्वारा प्राप्त जानकारी जिसमे स्कूलों ने लिखित मे दिया है की उनके स्कूल मे नियुक्त सुरक्षा-कर्मियों को ठेकेदारों द्वारा 4500 रू मासिक वेतन दिया जाता है। वो भी Cashदिया जाता है।
2. सुरक्षा-कर्मियों द्वारा लिखित मे बयान दिया है जिसमे उन्होने ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे शोषण के बारे मे लिखा है।
3. संस्था द्वारा वर्ष 2013 से किया गया सर्वे।
4. संस्था द्वारा वर्ष 2013 से शिक्षा विभाग , शिक्षा मंत्री व अन्य विभागों मे समय समय पर कि गयी लिखित रूप मे शिकायत।
5. संस्था के पास शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये गये Tender कीप्रति जो संस्था ने सूचना के अधिकार कानून से प्राप्त की।
6. संस्था के पास शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को online भेजे गये Circular / Order की प्रति ।